Ajmer Dargah: क्या अजमेर की दरगाह में भी मिले है शिव मंदिर होने के साक्ष्य, याचिका हुई दायर
जस्थान के अजमेर में स्थित मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। इसके लिए एक हिंदु नेता ने कोर्ट में याचिका भी लगाई है जो की मंजूर कर ली गई है। इस मामले में अब 20 दिसंबर को सुनवाई भी होने वाली है।

देशभर में कई दरगाहों और मस्जिदों में हिंदू देवी देवताओं के मंदिर होने के दावे किए जा रहे है। दिल्ली, मथुरा, काशी, संभल के बाद अब राजस्थान के अजमेर में स्थित मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। इसके लिए एक हिंदु नेता ने कोर्ट में याचिका भी लगाई है जो की मंजूर कर ली गई है। इस मामले में अब 20 दिसंबर को सुनवाई भी होने वाली है।
आस्था और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है दरगाह
इस पर खदिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि दरगाह आस्था और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है और इसके विश्वभर में करोड़ों अनुयायी हैं। उन्होंने कहा कि हमने कई दौर झेले हैं और पिछले तीन साल से हिंदू सेना इस तरह की बयानबाजी कर रही है। ऐसे हालात देश हित के लिए सही नहीं है।
वहीं इससे पहले हाल ही में हिंदू नेताओं ने उत्तरप्रदेश के संभल की जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा किया था जिसके लिए सर्वे की टीम मौके पर भी पहुंची थी लेकिन वहां पर पथराव हो गया और माहौल गरमा गया। ऐसे ही अब तक कई मस्जिदों में शिव मंदिर होने का दावा किया जा चुका है।कई जगहों पर इस को लेकर केस भी चल रहे है।
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