अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर आई झटका देने वाली खबर, जीडीपी ग्रोथ रेट रही सिर्फ 5.4 प्रतिशत
जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट सिर्फ 5.4 प्रतिशत रही है, जो पिछले दो साल में सबसे कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, इस गिरावट का मुख्य कारण मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर्स का कमजोर प्रदर्शन है।

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर झटका देने वाली खबर आई है. जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट सिर्फ 5.4 प्रतिशत रही है, जो पिछले दो साल में सबसे कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, इस गिरावट का मुख्य कारण मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर्स का कमजोर प्रदर्शन है। अब यहां पर बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि क्या अब रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती नहीं करने के अपने रुख पर कायम रहेगा या उसमें कोई बदलाव आएगा?
धीमी जीडीपी ग्रोथ के बावजूद भारत प्रमुख अर्थव्यवस्ताओं के बीच अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बना हुआ है। इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की जीडीपी ग्रोथ 4.6 प्रतिशत रही। वहीं जापान की जीडीपी 0.9 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।
दिग्गजों ने इकोनाॅमिक ग्रोथ में सुस्ती का पहले ही लगा लिया था अनुमान
बताते चलें कि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 8.1 प्रतिशत रही थी। इतना ही नहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश का जीडीपी 6.7 प्रतिशत रहा था। बताते चलें कि आर्थिक दिग्गजों ने पहले ही देश की इकोनॉमिक ग्रोथ में सुस्ती का अनुमान लगा लिया था। उन्होंने कमजोर खपत, कम सरकारी खर्च और प्रमुख इंडस्ट्री पर प्रतिकूल मौसम के प्रभाव को जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती का जिम्मेदार ठहराया था।
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