ओम नमः पार्वती पतये, हर हर महादेव.... के जयकारों से गूंजे शिवालय
देश भर में आज महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया है। आज देशभर के शिव मंदिरों में महादेव के भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दी। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता नजर आया। साथ ही महादेव के जयकारों से सभी मंदिर गूंजायमान हो गए।

देश भर में आज महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया है। आज देशभर के शिव मंदिरों में महादेव के भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दी। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता नजर आया। साथ ही महादेव के जयकारों से सभी मंदिर गूंजायमान हो गए। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर 24 घंटे श्रद्धालू पूजा अर्चना करते है। महाशिवरात्रि या शिवरात्रि के दिन निशिता काल में पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। निशिता काल में भगवान शिव की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं। हिंदू पांचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानि कि 26 फरवरी सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर शिवरात्रि का पर्व शुरू होगा और 27 फरवरी सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगा। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्त्व है। ऐसे में 26 फरवरी की रात शिव पूजन होगा।
श्रद्धालुओं में शिवरात्रि को लेकर विशेष उत्साह
महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्त्वपूर्ण पर्व है, जो फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। यह रात आध्यात्मिक जागरण, भक्ति और शिवतत्व के ध्यान के लिए समर्पित होती है। श्रद्धालुओं में इस दिन को लेकर विशेष महत्त्व है। वे इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर पूरा दिन उपवास रखते हैं।
महादेव को पाने के लिए माता पार्वती ने की थी तपस्या
शिवरात्रि को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं जिनमें से एक कथा अनुसार माता पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए घनघोर तपस्या की थी। जिसके फलस्वरूप फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। यही कारण है कि इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में हर साल धूमधाम से मनाया जाता है।
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