45 दिनों के बाद संपन्न हुआ आस्था का महापर्व, देशवासियों की आस्था का दिखा सैलाब

महाशिवरात्रि के साथ ही महाकुंभ का महापर्व संपन्न हो गया। महाकुंभ में करोड़ों लोगों की आस्था और श्रद्धा का सैलाब देखने को मिला। सनातन धर्म के प्रति लोगों का कितना जुडाव है ये महाकुंभ के इन 45 दिनों में देखने को मिला।

Feb 27, 2025 - 13:48
 0  85
45 दिनों के बाद संपन्न हुआ आस्था का महापर्व, देशवासियों की आस्था का दिखा सैलाब

महाशिवरात्रि के साथ ही महाकुंभ का महापर्व संपन्न हो गया। महाकुंभ में करोड़ों लोगों की आस्था और श्रद्धा का सैलाब देखने को मिला। सनातन धर्म के प्रति लोगों का कितना जुडाव है ये महाकुंभ के इन 45 दिनों में देखने को मिला। हालांकि इस दौरान श्रद्धालुओं को कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी लोगों की आस्था में कहीं कोई कमी नजर नहीं आई। चाहे कई किलोमीटर पैदल चलना हो, चाहे घंटों तक एक ही जगह पर अटक जाना हो, ऐसे कई उदाहरण है जिसमें लोगों को दिक्कतें हुई लेकिन तब भी प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भीड कम नहीं हुई। 

एकता का महायज्ञ हुआ संपन्न 
महाकुंभ के संपन्न हो जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की महाकुंभ संपन्न हुआ...एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है! महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का प्रयास किया है। 

महाकुंभ में रखी गई संस्कृति की एक सशक्त नींव 
महाकुंभ में जिस भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भागीदारी की है वो सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और विरासत को सुदृढ़ और समृद्ध रखने के लिए कई सदियों की एक सशक्त नींव भी रख गया है। प्रयागराज का महाकुंभ आज दुनियाभर के मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के साथ ही प्लानिंग और पॉलिसी एक्सपर्ट्स के लिए भी रिसर्च का विषय बन गया है।

नया भविष्य लिखने जा रहा है देश
आज अपनी विरासत पर गौरव करने वाला भारत अब एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। ये युग परिवर्तन की वो आहट है, जो देश का नया भविष्य लिखने जा रही है। समाज के हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोग इस महाकुंभ में एक हो गए। ये एक भारत श्रेष्ठ भारत का चिर स्मरणीय दृश्य करोड़ों देशवासियों में आत्मविश्वास के साक्षात्कार का महापर्व बन गया।

ऐसे ही बहती रहे एकता की धारा 
एकता के महाकुंभ को सफल बनाने के लिए देशवासियों के परिश्रम, उनके प्रयास, उनके संकल्प से अभीभूत मैं द्वादश ज्योतिर्लिंग में से प्रथम ज्योतिर्लिंग, श्री सोमनाथ के दर्शन करने जाऊंगा। मैं श्रद्धा रूपी संकल्प पुष्प को समर्पित करते हुए हर भारतीय के लिए प्रार्थना करूंगा। मैं कामना करूंगा कि देशवासियों में एकता की ये अविरल धारा, ऐसे ही बहती रहे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow