Rahul Gandhi के एक बयान पर Maharashtra के उपमुख्यमंत्री को आया गुस्सा

फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा की मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं की कर्नाटक में उनकी सरकार है, तो वहां कितना निवेश आ रहा है। जब हमारी सरकार थी तो निवेश के मामले में वह शीर्ष पर था।

Nov 15, 2024 - 11:17
Nov 15, 2024 - 22:51
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Rahul Gandhi के एक बयान पर Maharashtra के उपमुख्यमंत्री को आया गुस्सा
Devendra Fadanvis (deputy CM of Maharashtra ) and Rahul Gandhi (Congress leader) file pic

जयपुर

Rahul Gandhi Devendra fadnavis news: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान पर महाराष्ट्र् के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन पर पलटवार किया है। राहुल गांधी ने अपने एक संबोधन में कहा था की उद्योगों के गुजरात में चले जाने से महाराष्ट्र् के युवाओं को, आदिवासियों को बंधुआ मजदूर बनकर बाकी राज्यों में जाना पड़ेगा। राहुल के इस बयान पर फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा की मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं की कर्नाटक में उनकी सरकार है, तो वहां कितना निवेश आ रहा है। जब हमारी सरकार थी तो निवेश के मामले में वह शीर्ष पर था। उन्हें अपनी एक भी काम करने वाली सरकार दिखानी चाहिए। इसी के साथ फडणवीस ने कहा की वे कर्नाटक के विज्ञापन महाराष्ट्र् में छपवा रहे है, उनके महाराष्ट्र् के नेता इतने असफल है की वे विज्ञापन भी नहीं छाप सकते। 


परिवार और पार्टियां तोडने-जोड़ने में शरद पवार है महारथी 
इसी के साथ शरद पवार पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने कहा की अगर महाराष्ट्र में परिवार तोड़ने, जोड़ने, पार्टियों को तोड़ने, जोड़ने और फिर तोड़ने में कोई महारथी है तो वह शरद पवार हैं। अगर हम लिस्ट बनाएं कि 1978 से उन्होंने कितनी पार्टियों और परिवारों को तोड़ा है, तो उन्हें पार्टियों और परिवारों को तोड़ने का भीष्म पितामह कहना होगा, लेकिन ये जो दो पार्टियां टूटी उन्होंने नैरेटिव बनाने की कोशिश की कि भाजपा ने पार्टी तोड़ी पर लोगों को सच पता है। 

मुख्यमंत्री बनने के लिए उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से तोड़ा नाता 
इसके आगे देवेंद्र फडणवीस ने कहा की पार्टियां अपनी अति महत्वाकांक्षाओं के कारण टूटीं, उद्धव जी मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने हमसे नाता तोड़ लिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद वे आदित्य ठाकरे को आगे लाना चाहते थे, इसलिए एक तरह से उन्होंने एकनाथ शिंदे को सफोकेट करने की कोशिश की, इसलिए एकनाथ शिंदे के पास कोई विकल्प नहीं बचा था। दूसरी तरफ शरद पवार जी ने 30 साल से पार्टी का नेतृत्व कर रहे अजित पवार को विलेन बना दिया क्योंकि वे सुप्रिया ताई को नेतृत्व देना चाहते थे। अजित पवार के पास कोई विकल्प नहीं बचा था। यह व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के कारण हुआ

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