देव दिपावली पर करें यह उपाय, हो जाएंगे मालामाल
कार्तिक पूर्णिमा को स्नान और दान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

हिंदु धर्म में कार्तिक मास का एक अलग ही महत्व होता है। इस पूरे महीने में लोग काफी पूजा पाठ, दान पुण्य आदि करते है। वहीं कार्तिक मास के अंतिम दिन यानि की कार्तिक की पूर्णिमा को देव दिपावली के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है की आज देवताओं की दिपावली होती है। कहा जाता है देव दिपावली के दिन घर की हर दिशा में दीपक जलाना चाहिए। वही यह भी कहा जाता है देव दिपावली की रात घर की उत्तर दिशा में दीपक जलाने से आर्थिक संकट दूर होता है क्योंकि उत्तर दिशा देवताओं की होती है। इसके अलावा ये भी कहा जाता है की घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है। साथ ही यह भी कहा जाता है की दक्षिण दिशा यम की होती है तो इस दिशा में दीपक नहीं जलाना चाहिए।
आज ही के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का किया था वध
कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। इस उपलक्ष्य में लोग दीपदान करते हैं और इसे देवताओं की दिवाली कहते हैं। कार्तिक पूर्णिमा को स्नान और दान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। देव दिवाली के दिन काशी यानी वाराणसी में एक अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। इस दिन काशी के सारे घाट रोशनी से जगमगा उठते हैं। हजारों लोग घाटों पर दीये जलाते हैं और गंगा नदी में दीपदान करते हैं।
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