मशहूर तबलावादक जाकिर हुसैन ने दुनिया को कहा अलविदा

मशहूर तबलावादक जाकिर हुसैन ने आज 73 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। जाकिर पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे।उन्होने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में इलाज के दौरान आखिरी सांस ली।

Dec 16, 2024 - 11:52
Dec 16, 2024 - 12:41
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मशहूर तबलावादक जाकिर हुसैन ने दुनिया को कहा अलविदा

मशहूर तबलावादक जाकिर हुसैन ने आज 73 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। जाकिर पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे।उन्होने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में इलाज के दौरान आखिरी सांस ली। गौरतलब है की जाकिर पिछले दो हफ्तों से हृदय संबंधित समस्याओं से परेशान थे। 

संगीत की दुनिया में एक अलग ही पहचान रखते थे जाकिर 
संगीत की दुनिया में जाकिर का एक अलग ही नाम था। उन्होने अपने हुनर से अपनी एक अलग ही पहचान बनाई थी। संगीत में अद्भूत योगदान देने के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा भी जा चुका है। उन्हे पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण भी मिल चुके है। उस्ताद जाकिर हुसैन को पूरी दुनिया में एक शानदार कलाकार के रूप में जाना जाता था। उन्होंने संगीत की दुनिया में 60 साल संगीत में योगदान दिया है। तालवादक ने अपने प्रदर्शनों की सूची जैज और संगीत कार्यक्रमों सहित विभिन्न शैलियों और विधाओं में संगीत रचा।

पिता ने कानों में फूकें थे तबले के सुर और ताल 
जाकिर हुसैन ने बताया था कि उनके पैदा होते ही उनके पिता अल्ला रक्खा ने उनके कानों में तबले के सुर और ताल फूंके थे। उन्होंने जाकिर की मां से कहा था कि संगीत ही मेरी साधना है और यही सुर और ताल मेरे बेटे के लिए मेरी दुआ है। बड़े होने के साथ-साथ जाकिर हुसैन के अंदर भी तबला वादक बनने का जज्बा साफ झलकने लगा था और तबले के प्रति उनकी दीवानगी को देख उनके पिता ने महज सात साल की उम्र में ही उनका रियाज शुरू करवा दिया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख

जाकिर हुसैन के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने दुख जताते हुए कहा की प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी के निधन पर गहरा दुख हुआ। उन्हें एक सच्चे प्रतिभाशाली व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में क्रांति ला दी। उन्होंने अपनी अद्वितीय लय से लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध करते हुए तबले को वैश्विक मंच पर पहुंचाया। इसके माध्यम से, उन्होंने भारतीय शास्त्रीय परंपराओं को वैश्विक संगीत के साथ सहजता से मिश्रित किया, और इस प्रकार सांस्कृतिक एकता के प्रतीक बन गए। उनका प्रतिष्ठित प्रदर्शन और भावपूर्ण रचनाएँ संगीतकारों और संगीत प्रेमियों की पीढ़ियों को समान रूप से प्रेरित करने में योगदान देंगी। उनके परिवार, दोस्तों और वैश्विक संगीत समुदाय के प्रति मेरी संवेदनाएं।

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