'मोदी तुझसे बैर नहीं शेखावत तेरी खैर नहीं' वसुंधरा राजे का नया गेम प्लान
राजस्थान में लोकसभा चुनाव से पहले जोधपुर में भाजपा नेताओं की गुटबाजी सामने आई। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और बीजेपी के शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राठौड़ की तकरार ने सियासत में पारा चढ़ा दिया है। दोनों नेताओं के बीच सार्वजनिक मंच पर हुई तकरार के बाद बीजेपी में हलचल मची हुई है।
जोधपुर।
जोधपुर में हाल ही में बीजेपी विधायक बाबू सिंह राठौड़ और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) के बीच कलह सामने आया है. जहां गजेंद्र सिंह द्वारा शेरगढ़ विधानसभा के विकास कार्यों के ब्योरे पर विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने सवाल खड़ा किया. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ब्योरे के मुताबिक शेरगढ़ में विकास कार्य क्यों नहीं दिख रहे, इसे सत्यापन करना जरूरी है. वहीं, जोधपुर में राज्य के जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी (Kanhaiya Lal Choudhary) जब संभाग की समीक्षा बैठक के लिए तो उनके सामने ही बीजेपी कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.
पहले भी जोधपुर में किसी ने लगा दिए थे शेखावत के खिलाफ पोस्टर
शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राठौड़ की ओर से सार्वजनिक मंच पर केंद्रीय मंत्री के साथ हुई अनबन से सियासी पारा चढ़ गया है। बीजेपी की सियासत में इस घटनाक्रम से हलचल मची हुई है। वहीं चर्चा है कि आखिर विधायक राठौड़ ने किसके इशारे पर यह बगावत करने की कोशिश की? सियासत में चर्चा है कि बीजेपी में शेखावत के विरोध में लामबंदी की जा रही है। जिसका उदाहरण गत दिनों जोधपुर में देखने को मिला। जहां गजेंद्र सिंह के खिलाफ शहर में पोस्टर और बैनर लगे। हालांकि यह बैनर लगाने के पीछे किसके हाथ था? यह अभी तक सामने नहीं आ पाया है। लेकिन माना जा रहा है कि गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ एक गुट सक्रिय है। जिससे आने वाले लोकसभा चुनाव में शेखावत के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।
खुलकर आमने-सामने वसुंधरा और शेखावत गुट
लोकसभा चुनाव नजदीक है और बीजेपी लगातार तैयारी में जुटी हुई है। इस बीच शेखावत को लेकर जोधपुर में हुए विरोध को लेकर सियासी चर्चा चल रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत भी मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर देखे जा रहे थे। इस दौरान चर्चा थी कि शेखावत ने वसुंधरा राजे को लेकर विरोध किया था। जिसके कारण वसुंधरा के समर्थक शेखावत से नाराज हैं। चर्चा यह है कि वसुंधरा के समर्थक का यही मानना है कि शेखावत की वजह से ही वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री नहीं बन पाई। इससे दोनों गुटों के टकराव से लोकसभा चुनाव में नुकसान होने की संभावनाएं जताई जा रही है।
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