Loksabha election 2024: राहुल गांधी के नामांकन से फिर सुर्खियों में आए अशोक गहलोत, दिखा गांधी-गहलोत पारिवारिक प्रेम
राहुल गांधी ने शुक्रवार को रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया. इस दौरान सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत मौजूद रहे. शुक्रवार सुबह ही कांग्रेस पार्टी ने अमेठी और रायबरेली सीट से उम्मीदवारों का नाम जारी किया. जिसके बाद राहुल गांधी रायबरेली स्थित फुरसतगंज हवाईअड्डे पर अपनी मां सोनिया गांधी, बहन प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य लोगों के साथ विमान से उतरे. वहीं अशोक गहलोत की गांधी परिवार के साथ नामांकन के दौरान दिख रही नजदीकियों ने राजस्थान कांग्रेस से जुड़े नेता और कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश दे दिया है।

जयपुर।
राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत एक ऐसा नाम है जो सत्ता में हो या ना हो लेकिन सुर्खियों में बना रहता है। इसका एक कारण ये भी है कि गहलोत ने अपने जीवन के 40 से ज्यादा साल राजनीति की उठापटक में गुजारे हैं। अशोक गहलोत की जादूगरी ही है कि राजस्थान में इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी हवा बेअसर नजरआई। हालांकि कौन कितनी सीट पर काबिज होता है इसका फैसला तो बाद में होगा लेकिन ये तय माना जा रहा है कि राजस्थान में भाजपा 25 सीटों की हैट्रिक तो मुश्किल ही लगा पाएगी।
गांधी परिवार के और करीब आए गहलोत
अपनी राजनीतिक समझ के चलते गहलोत ने कई बार विरोधियों को पटखनी दी है। यही कारण है कि सोनिया गांधी से लेकर राहुल और प्रियंका गांधी गहलोत को पार्टी के हर महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल करना नहीं भूलते। इसका सबसे ताज़ा उदाहरण देखने को मिला जब राहुल गांधी और केएल शर्मा के नामांकन के लिए गांधी परिवार रायबरेली और अमेठी पहुंचा था। इस दौरान अशोक गहलोत उनके साथ एक परिवार के वरिष्ठ सदस्य के रूप में मौजूद रहे।
राहुल गांधी की उम्मीदवारी ने कांग्रेस में नए जोश का संचार किया -गहलोत
राहुल गांधी और केएल शर्मा के नामांकन के बाद अशोक गहलोत ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि “आज रायबरेली एवं अमेठी में राहुल गांधी एवं के एल शर्मा के नामांकन के अवसर पर आम जनता एवं कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल देखने का मौका मिला। रायबरेली और अमेठी से गांधी परिवार का दशकों पुराना भावनात्मक रिश्ता है। रायबरेली में राहुल गांधी की उम्मीदवारी ने कांग्रेस में नए जोश का संचार किया है। अमेठी में के एल शर्मा के रूप में एक कार्यकर्ता को टिकट दिया गया है। करीब 40 साल से के एल शर्मा अमेठी एवं रायबरेली की जनता के बीच काम कर रहे थे। उनको मौका मिलने से सभी कार्यकर्ताओं में जोश आ गया है। अमेठी में 5 साल से भाजपा सांसद की गैरमौजूदगी के कारण वहां की जनता भी गांधी परिवार एवं के एल शर्मा के काम को याद करने लग गई थी। मैंने दोनों जगहों पर जनता के बीच महसूस किया कि अमेठी और रायबरेली दोनों सीटों पर कांग्रेस भारी मतों से विजयी होगी।''
गांधी परिवार ने राजस्थान को भी दिया संदेश
वहीं अशोक गहलोत की गांधी परिवार के साथ मौजूदगी राजस्थान कांग्रेस में चर्चाओं का विषय बनी रही। क्योंकि बीते कुछ समय से माहौल बनाने की कोशिश थी की अशोक गहलोत की ताकत अब कम हो रही है। माना जा रहा था कि अशोक गहलोत अब राजनीति से संन्यास ले लेंगे। लेकिन गांधी परिवार ने अशोक गहलोत को अपने साथ ले जाकर एक संदेश दे दिया है कि कांग्रेस में अशोक गहलोत का कद कभी नहीं घट सकता है।
What's Your Reaction?






