अज्ञात बीमारी से 60 भेड़ें मरी, भेड़पालक ने लगाई सरकार से गुहार
अज्ञात बीमारी के कारण कटारियासर में अचानक भेड़ो के मरने का मामला सामने आया है। भेड़पालक परिवार ने अपनी रोजी रोटी पर संकट आता देख प्रशासन से मदद मांगी है।

कतरियासर में भेड़ों के अनजान बीमारी से मरने का मामला सामने आया है। जिसमें 60 भेड़ें अपना दम तोड़ चुकी हैं। भेड़पालक ने सरकार और प्रशासन से आर्थिक मदद के लिये गुहार लगाई है।
बीकानेर के कतरियासर निवासी शंकरलाल की 60 भेड़ों की 2 दिन में अचानक ही अज्ञात बीमारी से मौत हो गई। जिसके बाद शंकर लाल ने शुक्रवार शाम 5.30 बजे इसकी सूचना प्रशासन को दी। सूचना पर टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। वहीं कई भेड़ें अभी भी बीमार है। जिनका इलाज शुरू किया गया है।
पीड़ित परिवार का कहना है कि ये भेड़ ही उनके जीवन यापन का सहारा हैं। जिनमें से 60 तो मर चुकी है हैं और बाकी भी बीमार हैं। जिससे पीड़ित परिवार पर गुजर बसर का संकट आता देखकर सरकार और प्रशासन से आर्थिक सहायता के लिये गुहार लगा रहा है।
पशुपालकों को पशु बीमा योजना के लागू होने का इंतज़ार
आम जनता हमेशा ही राजनीति और सरकारी कामकाजी रवैये का शिकार होती है। पिछली सरकार ने महंगाई राहत कैम्प लगाकर विभिन्न योजनाओं के साथ पशुओं के लिये 'कामधेनु पशुधन बीमा योजना' के निशुल्क पंजीकरण किये थे। जिसमें बहुत सारा पैसा लगा था। लेकिन कुछ तो सरकारी ढर्रा और कुछ आचार संहिता लगने के कारण योजना क्रियान्वित नहीं हो सकी।उसके बाद सरकार बदलने के कारण योजना बंद कर दी गयी।
कब होगी मुख्यमंत्री पशु बीमा योजना लागू
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और वित्तमन्त्री दिया कुमारी ने अपने बजट में निशुल्क मंगला पशुधन बीमा योजना की घोषणा की थी। राज्य में उपचनावों से पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी गोवर्धनपूजा के अवसर पर निशुल्क 'मुख्यमंत्री मंगला पशुधन बीमा योजना' की घोषणा की थी। और कहा था कि पशुपालन विभाग ने इस सम्बन्ध में गाइडलाइन भी तैयार कर ली है।
चुनाव भी पूरे हो गये और आज परिणाम भी घोषित हो जाएंगे, लेकिन योजना की अभी तक क्रियान्विती नहीं हो पायी है।
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