SI पेपर लीक केस में SOG को बड़ा झटका, ट्रेनी SI हरिओम के खिलाफ नहीं जुटा सकी सबूत

SI Paper Leak Case: राजस्थान में साल 2021 में हुए एसआई परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच में जुटी पुलिस की स्पेशल टीम (SOG) को शनिवार को एक बड़ा झटका है. एसआई पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए एक ट्रेनी एसआई के खिलाफ एसओजी सबूत नहीं जुटा सकी. लिहाजा एजेंसी ने अब कोर्ट ने ट्रेनी एसआई को रिहा करने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया है.

May 18, 2024 - 21:43
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SI पेपर लीक केस में SOG को बड़ा झटका, ट्रेनी SI हरिओम के खिलाफ नहीं जुटा सकी सबूत

SI Paper Leak Case:  राजस्थान पुलिस SI भर्ती परीक्षा मामले में शनिवार को अहम मोड़ आया है. SOG ने एक आरोपी को रिहा करने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया है. बताया जा रहा है कि एसआई पेपर लीक मामले की जांच में जुटी SOG टीम उक्त ट्रेनी एसआई के खिलाफ सबूत नहीं जुटा सकी. ऐसे में अब एसओजी ने एसआई पेपर लीक केस में ट्रेनी सब इंस्पेक्ट हरिओम पाटीदार को रिहा करने के लिए कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 169 के तहत प्रार्थना पत्र पेश किया है. मालूम हो कि राजस्थान पुलिस अकादमी  में ट्रेनिंग ले रहे ट्रेनी एसआई हरिओम पाटीदार को SOG ने 15 अप्रैल को गिरफ्तार किया था.

डूंगरपुर जिले के ट्रेनी एसआई हरिओम को मिली थी 645वीं रैंक

हरिओम पाटीदार पर एसआई भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट बिठाने का आरोप था. डूंगरपुर जिले के गलियाकोट निवासी हरिओम को 645वीं रैंक मिली थी. सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 की लिखित परीक्षा में हरिओम को हिंदी में 200 में से 169.69 और सामान्य ज्ञान में 200 में से 118.46 अंक मिले थे. कुल 400 में से 288.15 अंक मिले थे. 

डमी कैंडिडेट बिठाने का आरोप, लेकिन सबूत नहीं मिले

इंटरव्यू में हरिओम को 28 अंक मिले थे. SOG का आरोप था कि हरिओम ने किसी और कैंडिडेट को बिठाकर परीक्षा पास की थी. SOG ने इसकी पुष्टि के लिए उत्तर पुस्तिका पर दर्ज सिग्नेचर मिलाने के लिए हरिओम का सिग्नेचर लिया था. FSL की जांच में दोनों सिग्नेचर एक जैसे पाए गए. हरिओम के खिलाफ अन्य कोई सबूत SOG इकट्ठा नहीं कर पाई. इसलिए हरिओम की रिहाई के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया है. 

अन्य आरोपियों के खिलाफ सबूत इकठ्ठा कर पाएगी SOG?

यह SOG के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. क्योंकि इस मामले में सबूत जुटाना ही SOG के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. जब एक ट्रेनी एसआई के खिलाफ सबूत इकठ्ठा नहीं हुआ है तो यह सवाल उठ रहा है कि क्या SOG अन्य आरोपियों के खिलाफ सबूत इकठ्ठा कर पाएगी.

क्योंकि 3 साल पुराने इस मामले में SOG को डायरी, नोटबुक, एडमिट कार्ड पर लिखे लेनदेन के हिसाब के अलावा और कुछ ठोस नहीं मिला है. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस आरोपियों ने नष्ट कर दिए थे. बातचीत के लिए इंटरनेट कॉल और वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल किया जाता था. इसलिए सबूत जुटाना SOG के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

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