इस्तीफे के बाद अब किरोड़ी लाल मीणा हाईकमान के सामने उधेड़ेंगे सरकार की बखिया
गुरूवार को राजस्थान भाजपा में उथल-पुथल मच गई। दरअसल राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने आखिरकार अपने पद से इस्तीफ़ा देने का एलान कर ही दिया. उन्होंने कहा, "मुझसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस्तीफा देने से मना किया था लेकिन मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे चुका हूं'.मीणा ने कहा की मैं किसी से नाराज़ नहीं हूं पर हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे रहा हूं। लेकिन जनता की सेवा करता रहुंगा।

जयपुर
इस्तीफे की खबर फैलते ही किरोड़ीलाल मीणा को लेकर कई कयास उठने लगे। वहीं जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया की वो इस्तीफा दे चुके है। मीणा ने बताया कि उन्हें दिल्ली से हाईकमान का बुलावा आया है और वो वहां जाएंगे और सारी स्थिती से अवगत कराएंगे।
लोकसभा में चार सीटों की हार बनी वजह
2023 के दिसंबर महीने में जब राजस्थान में भाजपा सरकार सत्ता में आई थी तो उन्हें कृषि मंत्री बनाया गया था, हालांकि सियासी हलकों में इस बात की चर्चा भी खूब हुई कि उन्हें उनके 'कद' के हिसाब से पद नहीं मिला. किरोड़ी लाल मीणा के इस इस्तीफे को लोकसभा चुनाव से पहले दिए गए उनके बयानों से जोड़ कर देखा जा रहा है. जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सात लोकसभा सीटों पर भाजपा नहीं जीतती तो वो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. वो सीटें 7 सीटें भरतपुर, धौलपुर-करौली, अलवर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर और झालावाड़ थीं. किरोड़ी ने दावा किया था कि उन्हें इन सीटों पर जीत की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी थी.
सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज़गी
सरकार बनने के बाद से ही किरोड़ीलाल मीणा कई मुद्दों पर मुखर होकर बोल चुके हैं. भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिख चुके हैं. पार्टी के नई वरिष्ठ नेताओं से भी उनकी नाराज़गी सामने आई है। वहीं चर्चाएं तो ये भी है की कई मंत्रियों ने उनके फोन तक नहीं उठाए इससे भी उनके आत्मसम्मान को ठेस लगी है।
भाजपा के लिए पूर्वी राजस्थान बनेगा चुनौती
किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे के बाद पूर्वी राजस्थान में एक नया सियासी तूफ़ान खड़ा हो सकता है जिसका ज्यादा असर भारतीय जनता पार्टी के अंदरूनी सियासी माहौल पर पड़ सकता है. राजस्थान में आदिवासी वोट को भाजपा की झोली में डालने का श्रय उन्हें ही जाता है. यह कहा जाता है कि मीणा समुदाय कांग्रेस पार्टी का परम्परागत वोट बैंक रहा है. आदिवासी मीणा समुदाय में उनकी गहरी पैठ है और लम्बे समय तक वो मीणा समुदाय के स्वीकार्य नेता रहे हैं. किरोड़ी लाल मीणा 6 बार विधायक का चुनाव जीते हैं और पूर्वी राजस्थान में उनके प्रभाव को इस बात से समझा जा सकता है कि वो महवा, टोड़ाभीम, सवाई माधोपुर और बामनवास समेत चार अलग-अलग विधानसभाओं से जीत कर आये.
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