ईरान-इजरायल संघर्ष से होगा भारत ये असर?
इजरायल जहां तकनीक के क्षेत्र में आगे है तो ईरान तेल का बड़ा उत्पादक देश है. भारत के इन दोनों ही देशों से व्यापारिक संबध हैं.

ईरान और इजरायल, दोनों देश एक समय में अच्छे दोस्त थे, लेकिन आज वे एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं. इजरायल-हिजबुल्ला युद्ध के बीच अब ईरान ने हमला बोला है. ईरान ने इजरायल पर 200 मिसाइलों से हमला किया है. उसने नसरल्लाह की मौत का बदला लेकर खलबली मचा दी है. मगर अब इजरायल छोड़ने वाला नहीं है. माना जा रहा है कि इजरायल बहुत जल्द ईरान पर हमला करेगा.
गूंजती सायरन, चीख-पुकार, सैकड़ों मिसाइलें...ईरानी सेना ने मंगलवार रात इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार कर दी. हमले में मुख्य रूप से सैन्य और सुरक्षा एजेंसी को निशाना बनाया गया है. इजरायली मीडिया ने बताया कि ईरान ने मंगलवार रात इजरायल पर करीब 180 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी है. अब इजरायल ने ईरान को बड़े हमले की चेतावनी दी है. PM बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान ने बड़ी गलती कर दी है और अब इसकी कीमत चुकानी होगी.
भारत किसके साथ
इसराइल-ईरान संघर्ष के बीच भारत ने इन दोनों देशों में रह रहे अपने नागरिकों के लिए एडवाइज़री जारी की है. भारत इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण समझौते के पक्ष में रहा है.हालांकि भारत साल 1988 में फ़लस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था. लेकिन हाल के वर्षों में मध्य-पूर्व के हालात पर भारत किसी एक पक्ष की तरफ स्पष्ट तौर पर झुका नज़र नहीं आता है.पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसराइल के ख़िलाफ़ लाए गए एक प्रस्ताव में एक साल के अंदर ग़ज़ा और वेस्ट बैंक में इसराइली कब्ज़े को ख़त्म करने की बात कही गई थी.ये प्रस्ताव इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस यानी आईसीजे की एडवाइज़री के बाद लाया गया था. 193 सदस्यों की संयुक्त राष्ट्र महासभा में 124 सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया.14 देशों ने इस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोटिंग की और भारत समेत 43 देश इस वोटिंग से दूर रहे.ब्रिक्स गुट में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ़्रीका शामिल हैं. ब्रिक्स गुट में भारत एकमात्र देश है, जो वोटिंग से बाहर रहा था.
What's Your Reaction?






