National Constitution Day 2024: संविधान स्थापना के 75 साल पूरे
आज पूरा भारत 10वां संविधान दिवस मनाएगा। देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। हमारे साथ जानिए अपने संविधान के बारे में संविधान दिवस का इतिहास, कारण और महत्व।
National Constitution Day 2024: पूरा भारत आज के दिन को राष्ट्रीय संविधान दिवस के रूप में मनाएगा। देश को अंग्रेजों की गुलामी से आज़ादी 1947 में मिल गयी लेकिन असल रूप में हमें आज़ादी मिली गणतंत्र होने के बाद मतलब देश में संविधान लागू होने के बाद। लेकिन संविधान लागू करने के लिए संविधान होना भी तो जरूरी था, इसलिए देश के दिग्गज कानून ज्ञाता और अन्य ज्ञानियों ने मिलकर संविधान की रचना की और संविधान सभा के सामने रखा। जिसे आज ही के दिन यानी 26 नवंबर को वर्ष 1949 में अंगीकार किया गया। भारतीय संविधान के बारे में लोगों को जागरूक करने और संविधान के महत्व व आंबेडकर के विचारों और अवधारणाओं को फैलाने के उद्देश्य से संविधान दिवस मनाया जाता है।
संविधान और संविधान दिवस का इतिहास
यूं यूं तो हम सभी आज 10वां संविधान दिवस मनाने जा रहे हैं इसका अर्थ यह नहीं है कि संविधान 9 वर्ष पहले ही बना या स्थापित हुआ है। असल में संविधान की स्थापना 77 वर्ष पूर्व सन् 1949 में ही हो गयी थी। जिसे विधि दिवस या कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है। संविधान को बनाने में भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर का अहम योगदान रहा। वे ही संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष थे। संविधान निर्माण समिति में डॉ. अम्बेडकर के अलावा के.एम. मुंशी, अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, एन गोपालस्वामी, मोहम्मद सादुल्ला, डी पी खेतान, और बीएल मित्तर शामिल थे। संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11माह और 18 दिन लगे।
वर्ष 2015 में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती थी। डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजली देने के लिए इसी वर्ष संविधान दिवस मनाने का फैसला किया गया। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को यह घोषणा की।
उद्देश्य
भारतीय संविधान के बारे में लोगों को जागरूक करने और संविधान के महत्व व आंबेडकर के विचारों और अवधारणाओं को फैलाने के उद्देश्य से संविधान दिवस मनाया जाता है।
विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान
भारतीय संविधान दुनिया क सबसे बड़ा लिखित संविधान है। नवनिर्मित संविधान में 1लाख 46 हजार 385 शब्दों के साथ 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी। वर्तमान में इसमें 400 से ज्यादा अनुच्छेद 12 अनुसूचियां और 22 से ज्यादा भाग हैं। इसमें अब तक 106 संशोधन किये जा चुके हैं जिनमें से 99वें अनुच्छेद संशोधन को असंवैधानिक करार दिया गया।
संविधान की मूल प्रति प्रेम बिहारी रायजादा ने अंग्रेजी में इटेलिक में लिखी है। रायजादा ने प्रत्येक पेज पर अपना नाम और अंतिम पेज पर अपने दादाजी का नाम लिखने की शर्त पर इसे बिना कोई मेहनताना लिए लिखा। फिर भी संविधान के लेखन में 64 लाख रुपये खर्च हुए थे और 432 पेन की निब लगीं थीं।
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