Pushkar Fair 2024- सांस्कृतिक के साथ अव्यवस्थाओं का मेला
इस बार प्रशासन की लापरवाही के कारण चर्चाओं में आया राजस्थान का Puskar Fair विश्व स्तर पर अपनी एक अनूठी पहचान रखता है। अजमेर जिले के पुष्कर में हर साल ये मेला आयोजित होता है।

Pushkar Fair: पुष्कर मेला एक धार्मिक और सांस्कृतिक मेला है। यह मेला हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने में भरता है और कार्तिक पूर्णिमा को इसका समापन होता है। वहीं अगर अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से देखें तो अधिकांशतः यह मेला अक्टूबर के अंत और नवंबर के शुरुआत में भरता है। लेकिन इस बार ये मेला अपनी विशेषताओं से ज्यादा विवादों और अव्यवस्थाओं के कारण चर्चाओं में रहा। जिसको लेकर अब राजस्थान सरकार ने भी नाराजगी जाहिर की है।
कब से हुआ शुरू
पुष्कर मेला 100 साल से भी अधिक समय से लग रहा है। इसके शुरुआत की कहानी भी दिलचस्प है। कहा जाता है कि ये मेला 19 वीं शताब्दी में शुरू हुआ था। उस समय राजस्थान की जनजातियां पशुओं का व्यापार करने अलग-अलग स्थानों पर जाती थी। ऐसे में पुष्कर में भी ये जनजातियां ऊंटों और पशुओं का व्यापार करने के लिए एकत्रित होती थीं। धीरे-धीरे यही एक आयोजन का रूप लेने लगा। हमारी संस्कृति के अनुसार हम जीव-जंतुओं को भी भगवान का वाहन और स्वरूप बनाकर पूजते है। इसी मान्यता ने इस आयोजन में धार्मिक आस्था का समावेश कर दिया।
सज धज के इठलाते दिखते है ऊंट
पुष्कर मेले में सजे धजे ऊंट सभी को अपनी ओर आकर्षित करते है। इस मेले में ऊंटों का बेहद खूबसूरती से श्रृंगार किया जाता है। ऊंटों के गले को गोरबंद से सजाया जाता है। कसीदाकारी करते हुए ऊंटों के गले में चांदी और जरी से पट्टियां लगाई जाती है। ऊँटों की सजावट में पाजेब से लेकर नवरिया और घुंघरू से लेकर नकली मोती तक का उपयोग किया जाता है। ऊंट के गले में मणियों और घंटियों की माला पहनाई जाती है। साथ ही ऊंट के कूबड़ को भी पड़ची, काठी व जाली से सजाया जाता है। ऊंट के आभूषणों की कीमत भी कम नहीं होती, कई बार ये हजारों में पहुंच जाती है।
सामने आयीं कई खामियां
इस बार के मेले के समापन के साथ खामियों का पिटारा भी सामने आया है। प्रशासन की ओर से हुई कई चूक नजर आई हैं। जिसने अतिथि देवो भव: का संदेश वाली भजनलाल सरकार के माथे पर अव्यवस्थाओं का ठप्पा लगा दिया है। जिस कारण सरकार की नाराजगी और संबंधित अधिकारियों पर गाज गिरने की बात भी सामने आई है। बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कलेक्टर के साथ ऑनलाइन बैठक करके पूरी रिपोर्ट तलब की है। पुष्कर मेला खत्म होने के बाद मुख्य सचिव ने अजमेर के सभी बड़े अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक ली। इस दौरान मुख्य सचिव ने मेले में खास प्रस्तुति देने आए बॉलीवुड सिंगर कैलाश खैर के पेमेंट में हुई गड़बड़ी से लेकर वीआईपी पास बांटे जाने संबधी सभी विषयों पर जानकारी मांगी।
क्या हुआ था मेले में पद्मश्री कैलाश खैर के साथ
जब मेले के दौरान कैलाश खैर अपनी प्रस्तुति देने आए उस समय अव्यवस्थाओं का आलम ऐसा था कि Kailash kher को स्टेज तक पहुंचने में ही 2 घंटे का समय लग गया। कैलाश खेर का कार्यक्रम 7 बजे शुरू होना था लेकिन भीड़ कंट्रोल नहीं होने के कारण कैलाश खेर 9 बजे स्टेज पर पहुंचे और उसके बाद ही कार्यक्रम शुरू हो पाया। वहीं इसके बाद जब पेमेंट किया गया तो वो कैलाश खेर के मांगे हुए पेमेंट के अनुरूप नहीं था। कैलाश खेर ने जब वजह पूछी तो आयोजनकर्ताओं ने कहा कि जीएसटी काटी गई है। इस मामले में भी कैलाश खेर ने नाराज़गी जाहिर की थी।
क्या-क्या अव्यवस्थाएं आईं सामने
पुष्कर मेले के दौरान वीआईपी पास अधिक बांट दिए गए जिससे वहां मौजूद लोगों के बीच धक्का-मुक्की हो गई और अव्यवस्था फैल गई। वहीं इसी दौरान एएसपी के गनमैन की सर्विस रिवाल्वर और कारतूस कहीं गिर गए जिसके बाद चोरी की शिकायत भी दर्ज करवाई गई। पुष्कर मेले के दौरान जब कैलाश खेर की परफॉर्मेंस चल रही थी उसी दौरान एक महिला कांस्टेबल ने वहां मौजूद एक दर्शक को थप्पड़ जड़ दिया था। जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इस मामलेे में महिला कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया गया है।
महास्नान भी हुआ गंदगी के बीच
पुष्कर मेले को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। इस मेले में कार्तिक पूर्णिमा का महास्नान करने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। लेकिन इस बार श्रद्धालुओं को गंदगी के अंबार के बीच ही महास्नान करना पड़ा। जगह-जगह ठेले वालों ने डेरा जमाए रखा, जिसके चलते पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसी कारण पवित्र सरोवर के मुख्य घाटों, बाजारों और ब्रह्मा मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की बड़ी-बड़ी लाइनें देखने को मिली।
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