राजस्थान विधानसभा में पेश किया गया धर्मान्तरण विरोधी विधेयक
राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही षुरू हो गई है। आज सदन में धर्मान्तरण विरोधी विधेयक पेष किया गया। बिल के मुताबिक, लव जिहाद को पारिवारिक न्यायालय के पास निरस्त करने का अधिकार होगा।

राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही षुरू हो गई है। आज सदन में धर्मान्तरण विरोधी विधेयक पेष किया गया। बिल के मुताबिक, लव जिहाद को पारिवारिक न्यायालय के पास निरस्त करने का अधिकार होगा। साथ ही यह गैर जमानती अपराध माना जाएगा। झारखंड, कर्नाटक और गुजरात में पहले से यह कानून लागू है। इसके तहत जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवाने पर रोक रहेगी। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सरकार के कार्यकाल के दौरान 16 साल पहले भी यह बिल लाया गया था। साल 2008 में पेश यह बिल केंद्र में अटकने से बिल लागू नहीं हो पाया था।
राजस्थान के परिदृश्य में जरूरी था ये विधेयक
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने धर्मांतरण बिल को लेकर कहा कि राजस्थान के परिदृश्य में यह विधेयक जरूरी था। प्रलोभन या किसी कपट पूर्ण साधन द्वारा या किसी विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन और उनसे संबंधित है। साथ ही उन्होंने कहा कि अनेक ऐसी संस्थाए या व्यक्ति समूह बनाकर गलत प्रचार कर आर्थिक रूप से प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करते थे। अनेक ऐसे क्षेत्रों में ये होता है, चाहे वह हमारे आदिवासी भाई-बहनों का क्षेत्र हो या अन्य क्षेत्र हो। इन सब की रोकथाम के लिए विधेयक लाया गया है।
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