आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर हमलावर हुए कांग्रेसी नेता
मोहन भागवत के बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा की मोहन भागवत की यह दुस्साहसिक टिप्पणी कि भारत को 1947 में सच्ची आजादी नहीं मिली, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, प्रत्येक भारतीय नागरिक का अपमान और हमारे संविधान पर हमला है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान के बाद वे विवादों में घिर गए है। भागवत के बयान के बाद सभी कांग्रेस नेता उन पर हमलावर है। चलिए सबसे पहले आपको बताते है की मोहन भागवन ने कौनसा विवादित बयान दिया। दरअसल सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख ने कहा था, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इसी दिन मिली थी। अब उनके इस बयान पर विपक्षी दलों के नेताओं का एक एक कर रिएक्शन सामने आ रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो इसे देशद्रोह तक करार दिया।
भागवत ने किया संविधान पर हमला
मोहन भागवत के बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा की मोहन भागवत की यह दुस्साहसिक टिप्पणी कि भारत को 1947 में सच्ची आजादी नहीं मिली, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, प्रत्येक भारतीय नागरिक का अपमान और हमारे संविधान पर हमला है।
जिसने बलिदान नहीं दिया, वो स्वतंत्रता का मतलब भी नहीं समझता
वहीं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा की श्देश की आजादी के संग्राम में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों को कोई योगदान नहीं था। वहीं कांग्रेस के पास स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किए गए बलिदानों का इतिहास है। जिसने कुछ खोया नहीं, जिसने शहादत नहीं दी, जिसने अपने परिवार को नहीं खोया, जो जेलों में नहीं गए, वो इस देश की आजादी को समझ नहीं सकते। इसीलिए उनको आजादी के अलग-अलग दिन दिखाई देते हैं। देश को आजादी भारत के लोगों ने दिलाई थी। महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दिलाई थी। लेकिन जब कोई व्यक्ति जेल नहीं गया या कोई बलिदान नहीं दिया तो वह समझ नहीं सकता कि स्वतंत्रता का मतलब क्या है।
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