RTI को लेकर मुख्य सचिव सख्त, सूचना में देरी तो वेतन में से होगी कटौती
राजस्थान सरकार जनता और सरकार के बीच पारदर्शिता को लेकर सख्त नजरिया अपना रही है। अब सूचना न देने वाले वाले या देरी करने वाले अधिकारियो पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई। इस सम्बन्ध में कल हुई बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दे दिए है।

RTI: सूचना न देने वाले विभागों व जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त होते हुए सीएस पंत ने कहा कि मांगी गयी सूचना निश्चित समयावधि में उपलब्ध करवाई जाए, ताकि प्रथम या द्वितीय अपील की नौबत ही ना आए। प्रथम अपील पर ही सकारात्मक ढंग से विचार करते हुए निपटान करे, जिससे कि द्वितीय अपील या जुर्माना लगने के मामले कम से कम हों। फिर भी अगर द्वितीय अपील होती है तो सम्बंधित अधिकारी सूचना आयोग में सुनवाई के दौरान अवश्य उपस्थित रहे।
सीएस पंत ने कहा कि जो लोक सूचना अधिकारी या प्रथम और द्वितीय अपीलीय अधिकारी समय पर सूचना या वांछित सूचना उपलब्ध नहीं करवाएंगे उन पर लगने वाला आर्थिक दंड अब उनके वेतन से काटा जायेगा।
जनता और सरकार के बीच पारदर्शिता लाने के उद्देश्य के साथ लाया गया था। यूं तो सूचना का अधिकार हर वह बात जानने का हक़ देता है जो उसके सरोकार से जुडी है, और सरकारी काम के दायरे में आती है। जनता तक इस अधिकार की जानकारी और पहुंच बढ़ाने के लिए बहुत से प्रयास भी किये मसलन न्यूनतम आवेदन शुल्क (10₹) और SC ST वर्ग और BPL परिवारों को तो इस शुल्क से भी मुक्त रखा है। जिससे प्रशासन के अंदर के भ्रष्टाचार, अनियमितता को रोका जा सके। सरकार ने समय समय पर सख्त रवैया भी अपनाया और सूचना नहीं देने वालों पर न्यूनतम राशि दंड का प्रावधान भी कर दिया। फिर भी शिकायतें आने को लेकर अब मुख्य सचिव सुधांश पंत ने गुरुवार को हुई मीटिंग में देरी से सूचना देने वाले या फिर वांछित सूचना उपलब्ध नहीं करवाने वाले लोक सूचना अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्दश दिए है।
उन्होंने निर्देशित किया कि जिन अधिकारियों का जुर्माना बकाया चल रहा है, उसे उनके वेतन में से कटौती करके अविलंब सूचना आयोग में जमा करवाया जाए।
ज्ञातव्य है कि आरटीआई से सूचना मांगे जाने पर निश्चित समयावधि में जवाब नहीं दिए जाने पर राज्य सूचना आयोग सम्बंधित लोक सूचना अधिकारी पर जुर्माना लगा सकता है।
ऐसे में जिन अधिकारियों पर जुर्माना लगा है वे जुर्माना राशि सूचना आयोग में जमा नहीं करवा रहे हैं। इसलिये मुख्य सचिव ने यह निर्देश दिए हैं।
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