Women's Day 2024: पत्र सूचना कार्यालय की पहल, प्रेरणास्त्रोत बनी महिलाओं ने साझा किए अपने अनुभव

समाज में पुरुष और महिलाओं के बीच के भेदभाव को मिटाकर समानता लाने के प्रयास के लिए महिला दिवस (Women's day) मनाया जाता है। महिलाओं और पुरुषों के बीच के शारीरिक भेद के कारण समाज में सालों से उनके रोल तय किए जा चुके हैं और ऐसी उम्मीद की जाती है कि महिलाएं उन नियमों का पालन करेंगी। लेकिन अब महिलाएं अपनी सीमाएं, अपने लक्ष्य, अपने सपने खुद निर्धारित कर रही हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही महिलाओं की दास्तां बताने जा रहे हैं। ये वो महिलाएं है जो आज प्रेरणास्त्रोत भी बन चुकी है।

Mar 9, 2024 - 11:57
Sep 17, 2024 - 14:03
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जयपुर।

जयपुर में अंतरराष्ट्रिय महिला दिवस की अवसर पर मिडिया स्नेह मिलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं ने अपने विचार महिला पत्रकारों के साथ साझा किया। पत्र सूचना कार्यालय की अपर महानिदेशक ऋतु शुक्ला ने कहा कि इस विचार गोष्टी का उद्देश्य अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धि और योगदान देने वाली महिलायों के अनुभवों को साझा करना है। उन्होने विश्वास व्यक्त किया कि इनकी प्रेरणादायी उद्धबोधन से नई पीढ़ी को मार्गदर्शन मिलेगा।

87 वर्ष की उम्र में भी वे पूरी सक्रियता के साथ स्कूलों, कालेजों और विभिन्न स्थानों पर जा कर लोगों को सड़क दुर्घटना की स्थिति में जीवन रक्षा के उपायों के बारे में जानकारी देती हैं। हम बात कर रहे है पदम श्री से सम्मानित हुई डॉ माया टंडन की।पेशे से पीडियाट्रिक एनेसथेसिस्ट हैं। वे जयपुर में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल जेके लोन हास्पिटल की अधीक्षक पद से 1995 में रिटायर हुईं और उसके बाद से उन्होनें पूरा जीवन लोगों में सड़क सुरक्षा और सड़क दुर्घटना की स्थिति में जीवन रक्षा के उपाय बताने में समर्पित कर दिया। डॉ टंडन बताती है  कि उनकी संस्था प्रदेश भर की 100 से ज्यादा प्रमुख सडकों पर स्थित 79 पुलिस थानों में भी सेैशंस कर चुकी है।

ऐसी ही कहानी है कोर्पोरेट के क्षेत्र को छोड जयपुर में उदय वल्ड्रोफ इन्स्पियार्ड स्कूल कि स्थापना करने वाली सुश्री गुरप्रीत कौर की। गुरप्रीत ने बताया कि वह एक वैकल्पिक विद्यालय चलाती हैं, जिसमें कोई किताब या कोई आपसी प्रतिस्पर्धा नहीं है । पिछली चार पीढ़ियों से आयुर्वेद से जुड़ें परिवार की अल्पना तिवारी ने नुस्का किचन की स्थापना की है, उन्होंने कहा कि माँ कभी हार नहीं मानती और कोई काम शुरू करने कि उम्र नहीं होती है। उन्होने कहा कि अपने स्टार्टअप के माध्यम से परंपरागत आयुर्वेद ज्ञान को भोजन के क्षेत्र में लोगों के बीच ले जाने का काम कर रही है।

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