सिंगापुर में पीएम मोदी ने कलाकारों के साथ बजाया ढोल

PM मोदी सिंगापुर पहुंचे, ढोल बजाया:भारतवंशी महिला ने राखी बांधी; ब्रुनेई में चीन का नाम लिए बिना कहा था- भारत विस्तारवाद के खिलाफ

Sep 4, 2024 - 16:26
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सिंगापुर में पीएम मोदी ने कलाकारों के साथ बजाया ढोल

दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई के दौरे के बाद 2 दिन की यात्रा पर बुधवार को सिंगापुर पहुंचे। यहां भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान PM मोदी ने ढोल भी बजाया। लोगों ने PM मोदी को भगवा रंग का गमछा भेंट किया। सिंगापुर के जिस होटल में वे ठहरे हैं, उसके बाहर भी भारतीय समुदाय के लोग उनके स्वागत के लिए वहां मौजूद रहे।

लोगों ने PM मोदी के साथ सेल्फी भी ली। इस दौरान एक महिला ने उन्हें राखी भी बांधी। सिंगापुर यात्रा के दौरान वे राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम, सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग समेत कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। PM सिंगापुर के कारोबारी समुदाय के नेताओं से भी मिलेंगे।

ढोल बजाते पीएम मोदी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

पीएम मोदी का ढोल बजाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें हर वर्ग के लोगों ने इस हल्के-फुल्के पल का जश्न मनाया और सिंगापुर में उनका स्वागत किया, जहां वह करीब छह साल बाद अपनी पहली यात्रा पर आए हैं. बाद में, एक महिला ने भी प्रधानमंत्री को राखी बांधी और कई लोगों ने इस अवसर पर उनके साथ सेल्फी लेने के लिए होड़ मचा दी. जिस होटल में पीएम मोदी ठहरे हैं, वहां मौजूद एक व्यक्ति को उन्होंने अपना ऑटोग्राफ भी दिया.

सबसे बड़े महल 'इस्ताना नुरुल इमान' में मोदी का स्वागत
इससे पहले बुधवार को PM ने ब्रुनेई सुल्तान बोल्कैया के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं के बीच रक्षा, व्यापार, शिक्षा, तकनीक और स्वास्थ्य जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। डेलीगेशन लेवल की बैठक के बाद भारत और ब्रुनेई के बीच MoU भी साइन हुए। उन्होंने बंदर सेरी बेगवान और चेन्नई के बीच सीधी फ्लाइट शुरू करने के फैसले का स्वागत किया।

इसके अलावा दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने ASEAN देशों के विकास के लिए काम करने पर सहमति जताई। ब्रुनेई के सुल्तान ने PM मोदी के सम्मान में दुनिया के सबसे बड़े महल 'इस्ताना नुरुल इमान' में लंच भी होस्ट किया।

भारत अमेरिका का प्रभाव
सिंगापुर, चीन के दो धुर विरोधियों यानी संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत का सहयोगी है. दोनों देशों का ही सिंगापुर पर जबदरस्‍त प्रभाव है. यही वजह है कि चीन हमेशा इस बात से डरा रहता है कि भविष्य में गतिरोध की स्थिति में इस मार्ग पर भारत का नियंत्रण हो जाएगा तो उसे बर्बाद होने से कोई नहीं बचा पाएगा. ऐसा नहीं है कि चीन हाथ पर हाथ धर कर बैठका है. वह मलक्‍का स्‍ट्रेट की के विकल्‍प के तौर पर सुंडा जलडमरूमध्य, लोम्बोक और मकासर जलडमरूमध्य से व्‍यापार करने को हाथ-पैर मारे, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली.

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